हमारी हिन्दू सभ्यता के पिछे कई वैज्ञानिक तर्क है |
![हाथ जोड़कर नमस्ते करना हाथ जोड़कर नमस्ते करना](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEihguaOwd3TNVHTDOqvYOEjcauXbWS0jOQm0uDHQVNc9U6XRG9XhJ19v9FFOzzRy3qBXDOCrV5fPC326QtThrxg6hVCS7H764UCI6S4p9i-IUs_L3a6U0v1mtBpYouHnKFi2ZrBFm7XLkD_/s200/77929338-side-view-of-praying-woman-holding-her-palms-together.jpg) |
हाथ जोड़कर नमस्ते करना |
हाथ जोड़कर नमस्ते करना :- जब हम किसी से मिलते है और दोनों हाथ जोड़कर नमस्ते करते है तो योग की एक मुद्रा बनती है जिसे अंजली मुद्रा कहते है इसमें हमारी उँगलियों के शिर्ष भाग आपस में मिलते है और इन पर दबाव बनता है जिसका असर हमारे आंख ,नाक और दिमाग पर होता है जिसके कारण हम मिलने वाले व्यक्ति को लम्बे समय तक याद रख सकते है |
![मूर्ति पूजा मूर्ति पूजा](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjmHGxWjdK3KKmYsz3pKxcRvxvbUivoy4_GSscK-fsuSdGslNRTKS8wCx5Ac4MC2jtDTpcPblO88ZDiLZ4LuvDo7B35bGMhaCZhlXiJkYKVLzmucd6vOB0NFmLqnl3ofCuc2xu8HsuuyhV-/s200/Murthi-Puja.jpg) |
मूर्ति पूजा
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मूर्ति पूजा:- भारती परंपरा में मूर्ति पूजा की जाती है इसका कारण यह है की ध्यान लगाने के लिया हमे एक केंद्र चाहिए होता है हम वैसा ही सोचते है जो हमारे सामने दिखाई देता है और हमारे सामने भगवन की मूर्ति हो तो हमारा ध्यान भगवन पे ही केंद्रित होता है| उदहरण के लिए : अगर हमारे हाथ में एक सिक्का हो तो हम धन के बारे में ही सोचते है उसी तरह को देखने से पूजा में ध्यान केंद्रित होता है |
![मंदिर में घंटी बजाना मंदिर में घंटी बजाना](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjRKTC1kHQeme8QaoXYc3WLx8sxoQzhP5X06pTWu-7b5prdSSCUpmFPHylHxh-3Y_l4D_JA9DruvWjahOoKKGh0F1v1xR1wlC16UW0nV8VSSX1KWoPP3vbp4ZFbRNG0zJX7fC7NBR99Hc8Y/s200/main-qimg-37fa372c2bd6d7a6b14ee1fef561388a.jpg) |
मंदिर में घंटी बजाना |
मंदिर में घंटी बजाना :- मंदिर में पूजा की शुरुआत घंटी बजा कर की जाती है इसका वैज्ञानिक तर्क यह है की घंटी की ध्वनि हमारे दिमाग से विपरीत तरंगो को दूर करती है | घंटी की आवाज हमारे दिमाग में सात सैकेंड तक इको करती है जिससे हमारे शरीर के सात उपचारात्मक केंद्र खुल जाते है जिससे हमारे दिमाग से नकारात्मक सोच दूर रहती है
![मंदिर में परिक्रमा मंदिर में परिक्रमा](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjdjIR0nUPGJl1_L4EHMSRQJpLUo3NmeCleUenb38OfiPMqoPS0gVUqCicpjBpSqZw8kAwKGrEWF4cqUv2UEygpMQpSIyyapszcahyuVUYHWvasLG2XG68Xj19xjKlkCRXzXg8y6a4iMjAN/s200/istockphoto-530813868-612x612.jpg) |
मंदिर में परिक्रमा |
मंदिर में परिक्रमा:- जब हम मंदिर जाते है और मंदिर के गर्भ गृह की परिक्रमा करते है तो इससे हमारा शरीर , मन और आत्मा तीनो को ऊर्जा मिलती है उसका कारण यह है की मंदिर का गर्भ गृह ताम्बे से वैदिक परम्परा के अनुसार बनाया जाता है और यहा बहुत ही ज्यादा सकतात्मक ऊर्जा होती है और इसकी परिक्रमा से सकरात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है |
![सिंदूर लगाना सिंदूर लगाना](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiZXYH_sYHLdE09YDkzjMFszFoyoJg9DHyVT-W3cxz1SQtOAHARXusf_pifaoZWORfR8qAoS8fzyZICdWPV-rfriKLlw02ZxGTpyvTcZlcpTSHQUOw_CTDa5XsS4hIImBxaDoObFby7ugjJ/s200/cd375fa4744408f238c788186feaee95.jpg) |
सिंदूर लगाना |
सिंदूर लगाना :- सिंदूर हल्दी, चुना और पारा धातु के मिश्रण से बनता है जिसको सर पर लगाने से रक्तचाप में नियंत्रण अता है | सिंदूर में पाया जाने वाला पारा शरीर को दवाब और तनाव से मुक्त रखने में मदद करता है |
![बिछिया पहनना बिछिया पहनना](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiqy8o6T06jYzJuD8AjWmwJeYDkz7EZLvRjPNX8upGYVlNyM8s01JcvWtWVrPQUnXADuJUjnXmZAIhdZl30U2m5bkjLpl-hbNQHKMVcxYCAgrqPOO3KPv-hlmX_-VHf2avrh6iegzogne1i/s200/l_toe-rings-1476339060_835x547.jpg) |
बिछिया पहनना |
बिछिया पहनना :- बिछिया पहनने का सिर्फ यह मतलब नहीं है की उसे पहनने वाली लड़की शादी शुदा है इसको पहनने का वैज्ञानिक तर्क यह है कि बिछिया रक्त के प्रवाह को नियमित करने में मदद करता है | चाँदी का बिछिया ऊर्जा को अवशोषित कर स्वस्थ रखने में मदद करता है |
![चुड़ियां पहनना चुड़ियां पहनना](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiSN7Ox2VjOnf7t8F4u0EIVzbvpejirAbTK12oBCi3r5c2NS5CdUTXm5Vd4lZYolX4ZkZ39KATLhwd2iYjv0WuRq_O4WjqnLYV3TGZpO7pVAxPMJWLAeIDqHVGq9glHIm6RTMVVHkUyyHeG/s200/2016_10image_15_24_092679153letastbangles.1-ll.jpg) |
चुड़ियां पहनना |
चुड़ियां पहनना :- हमारी शरीर की कलाई बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है इस जगह पर हाथ रखकर नाड़ी की धड़कन को चैक किया जाता है इससे शरीर की कई बिमारियों का पता लगता है इसके अलावा शरीर के बाहरी त्वचा से गुजरने वाली तरंगो को बहार निकलने के लये कोई जगह नहीं मिलती तो यह चूड़ियो की वजह से वापिस शरीर में चली जाती है |
It's fact
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