सोमवार, 8 फ़रवरी 2021

जनिये कौन सा लाफिंग बुद्धा आपकी मनोकामना पूरी करेगा ?


फेन्सुई  (चाइना का वास्तु ) में लाफिंग बुद्धा बहुत ही महत्वपुर्ण है | अपने कई तरह के लाफिंग बुद्धा देखें होंगे लेकिन आपकी अलग अलग मनोकामना की पूर्ति के लिए अलग अलग लाफिंग बुद्धा है और इसके लिए अलग अलग नियम भी है | 


 1 . हाथ में मोतियों की माला लिए बैठे लाफिंग बुद्धा



हाथ में मोतियों की माला लिए बैठे लाफिंग बुद्धा को रखने से घर में सकारात्मकता आती है और साथ ही खुशहाली और समिर्द्धि भी आती है और इस लाफिंग बुद्धा को घर के मुख्य द्वार पर ढाई से तीन फिट की दुरी पर रखे और मूर्ति का मुँह द्वार की तरफ रखे | 


2. थैला लिए लाफिंग बुद्धा


थैला लिए लाफिंग बुद्धा इनको अपने दुकान या ऑफिस में रखने से आमदनी बढ़ती है ये धन को अपनी और खींचता है |

 

3. धातु से बना लाफिंग बुद्धा

धातु से बना लाफिंग बुद्धा यह व्यक्ति की निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाता है | 




4.मेडिटेसन करते हुए लाफिंग बुद्धा

मेडिटेसन करते हुए लाफिंग बुद्धा अगर घर में टेंसन या तनाव का माहौल रहता है तो मेडिटेसन करते हुए लाफिंग बुद्धा घर लाये इससे  घर में शांति  आएगी | 



5. लाफिंग बुद्धा के कंधो पर बच्चे खेल रहे हो | 


अगर कोई संतान प्राप्ति की कामना कर रहा है तो उनेह उस लाफिंग बुद्धा को घर लाना चाहिये जिसके कंधो पर बच्चे खेल रहे हो | 



6. नाव पर बैठे लाफिंग बुद्धा 


नाव पर बैठे लाफिंग बुद्धा को अपने ऑफिस के टेबल पर रखने से ऑफिस में काम और धन की वृद्धि होती है | 


7. लाफिंग बुद्धा अपने हाथ में पीला फल लिये हो

अगर घर में कोई व्यक्ति बीमार हो और उसकी बीमारी का प्रकार या वजह का पता न चल पा रहा हो तो जिस मूर्ति में लाफिंग बुद्धा अपने हाथ में पीला फल लिये हो उस मूर्ति को बीमार इंसान के तकिये के पास रखने से बीमारी का पता चल जाता है और उसका सही इलाज किया जा सकता है | 



8. ड्रैगन पर बैठे लाफिंग बुद्धा


ड्रैगन पर बैठे लाफिंग बुद्धा को घर में लाने से जादू टोना और बुरी नज़र का प्रभाव काम हो जाता है | 


तो अपनी मनोकामनाओ की पूर्ति के लिए और खुशहाली के लिये लाफिंग बुद्धा घर लाये और इसे घर मे रखते समय ध्यान रखे की कभी भी इसे जमीन पर ना रखे और इसके अलावा इसे बाथरूम , टॉइलट , किचन और डाइनिंग टेबल पर ना रखे इससे ये अशुभ फल देगा | 

मंगलवार, 2 फ़रवरी 2021

एलोवेरा जूस के फायदे और नुकसान

एलोवेरा एक पौधे है जिसमें कई औषधीय और पोषण संबंधी उपयोग होते हैं। पौधे में हरे, जेल से भरे पत्ते होते हैं। बहुत से लोग जलने और घावों के इलाज के लिए जेल का उपयोग करते हैं,



एलोवेरा जूस पीने से होते है अनेक फायदे

1. कब्ज का इलाज

एलोवेरा का रस एलोवेरा अपने औषधीय गुणों के लिए लोकप्रिय है।जो लोग समय-समय पर कब्ज का अनुभव करते हैं वे एक प्राकृतिक रेचक के रूप में एलोवेरा जूस का उपयोग कर सकते हैं।

यदि कोई व्यक्ति पहली बार एलोवेरा जूस की कोशिश कर रहा है, तो वे एक छोटे से सेवारत के साथ शुरुआत करे | एक सेवारत आम तौर पर 1 कप रस होता है।

एलोवेरा के रेचक प्रभाव के बारे में पता है, यूनाइटेड स्टेट्स फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने यह स्थापित नहीं किया है कि इस उद्देश्य के लिए संयंत्र सुरक्षित है।

2. विटामिन सी प्रदान करना

एलोवेरा जूस के लगभग 225 ग्राम में 9.1 ग्राम विटामिन सी होता है। यह विटामिन एक व्यक्ति के संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह एक प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट है और सूजन से लड़ने में मदद करता है।

विटामिन सी के विभिन्न प्रकार के विशिष्ट लाभ हैं, जो व्यक्ति के हृदय रोग के जोखिम को कम करने से लेकर प्रतिरक्षा प्रणाली के कार्य में सुधार करते हैं। प

विटामिन स्वाभाविक रूप से संतरे, हरी मिर्च, ब्रोकोली, अंगूर, और टमाटर के रस जैसे खाद्य पदार्थों में मौजूद है, गढ़वाले एलोवेरा का रस एक और उत्कृष्ट स्रोत है।



3. हाइड्रेटेड रहना

दिन भर में बहुत सारे तरल पदार्थ पीने से एक व्यक्ति को हाइड्रेटेड रहने में मदद मिल सकती है, और एलोवेरा का रस शर्करा पेय और फलों के रस के लिए एक कम कैलोरी विकल्प हो सकता है। एलोवेरा जूस के 225 ग्राम ग्लास में सिर्फ 36 कैलोरी होती है।

4. मसूड़ों की सूजन को कम करना

एलोवेरा मसूड़ों की सूजन को कम करने में मदद कर सकता है।

एक छोटे से अध्ययन में पाया गया कि एलोवेरा जूस माउथवॉश के साथ लोगों में मसूड़ों की सूजन को कम करने में मदद मिली है

एक अध्ययन में पता चला जिन लोगों ने माउथवॉश का इस्तेमाल किया था, उनमें मसूड़ों की सूजन कम थी।

एलोवेरा के रोगाणुरोधी और जीवाणुरोधी गुणों ने परिणामों को प्राप्त करने में मदद की।

5. रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करना

जर्नल ऑफ़ क्लिनिकल फार्मेसी एंड थेरेप्यूटिक्स में प्रकाशित 2016 के एक मेटा-विश्लेषण के अनुसार, एलोवेरा में प्रीडायबिटीज़ और टाइप 2 डायबिटीज़ वाले लोगों में रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में “कुछ संभावित लाभ” हो सकते हैं।

विश्लेषण ने अध्ययन की जांच की जिसमें सामूहिक रूप से 470 प्रतिभागी शामिल थे। उन्होंने एलोवेरा की विभिन्न तैयारियों को निगला था, जिसमें जूस और पाउडर शामिल थे।एलोवेरा जूस के साथ पूरक ने प्रतिभागियों के बीच तेजी से रक्त शर्करा के स्तर में सुधार करने में मदद की।


6. पेट के अल्सर को रोकना

, एलो वेरा जूस से पेट के अल्सर की घटनाओं को कम करने और पाचन में सुधार करने जैसे अतिरिक्त पाचन लाभ हो सकते हैं।

एलो वेरा जूस में कई एंटी-इंफ्लेमेटरी कंपाउंड, जैसे कि विटामिन सी, इन पाचन प्रभावों में योगदान कर सकते हैं।

एलोवेरा जूस के दुष्प्रभाव

शोधकर्ताओं ने पाया कि एलोवेरा की पत्ती का अर्क चूहों में कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है।

जबकि कुछ शोधों ने एलो वेरा जूस के लाभों को स्थापित किया है, लेकिन इस बात के भी प्रमाण हैं कि पेय से प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) के एक अध्ययन में पाया गया कि गैर-विघटित एलो वेरा पत्ती के अर्क का सेवन नर और मादा चूहों में कैंसर के बढ़ते जोखिम से जुड़ा था।

विशेष रूप से, उन्होंने कैंसर के संभावित कारण के रूप में यौगिक एलोइन की पहचान की। परिणामस्वरूप, कई एलो वेरा जूस निर्माता अपने जूस की सामग्री को सूचीबद्ध करते हैं।

बुधवार, 12 अगस्त 2020

तुलसी के पौधे के लाभ नहीं जानते तो ये जरूर पड़े

हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को एक अलग ही स्थान है और ये हिंदू धर्म म बहुत शुभ और पवित्र मना जाता है और तुलसी को औषधीय जड़ी-बूटियों के लिया भी जाना जाता है और तुलसी को हम अपने घरेलु उपचार में भी प्रयोग करते है


तुलसी के प्रकार

1. श्याम तुलसी,

2 राम तुलसी,

3. विष्णु तुलसी

4. वन तुलसी

तुलसी के कई फायदे हैं

तुलसी का उपयोग औषधि के रूप में भी किया जाता है। तुलसी की पत्तियां खाने से सेहत अच्छा होता है। तुलसी में रोगों से लड़ने श्रमता होते हैं। यह शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है।तुलसी के पत्ते रोज खाने से खून साफ ​​होता है। और शरीर भी स्वस्थ रहते हैं।

तुलसी के कई स्वास्थ्य उपयोग हैं, जिसमें एक्जिमा, सोरायसिस और उम्र बढ़ने के प्रभाव शामिल हैं। तुलसी को एक पवित्र पौधा माना जाता है इसलिए ये पौधा घर घर में होता।है

तुलसी को महान औषधीय औदा मिला है। तुलसी को हर्बल चाय के रूप में प्रयोग किया जाता है इसके तेल का उपयोग कीड़े और बैक्टीरिया के खिलाफ भी किया जाता है।


राम तुलसी गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम के लिए प्रभावी उपाय है। तुलसी बुखार, ब्रोंकाइटिस और खांसी में राहत देता है। तुलसी मलेरिया को ठीक करने में मदद करती है।

तुलसी की ताजी पत्तियां हर रोज लाखों लोगों द्वारा ली जाती हैं। सदियों से तुलसी अपने उल्लेखनीय उपचार गुणों के लिए जानी जाती है।

तुलसी जड़ी बूटी ताजे, कैप्सूल, चाय में उपलब्ध है।तुलसी, या किसी अन्य औषधीय जड़ी बूटी का उपयोग करने से पहले, अपने स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता से परामर्श करें।

तुलसी के पौधे को किस तरीके से लगया जाये

तुलसी के बीज आसानी से अंकुरित होते हैं। उन्हें समय-समय पर पानी दिया जाता है और एक से दो सप्ताह में अंकुरित हो जयेगा है। इसके लिए पूर्ण सूर्य के प्रकाश की आवश्यकता होती है।


तुलसी के अन्य उपयोग

तुलसी की माला पहने से हमारे शरीर में एक सकारात्मक ऊर्जा आती है और पुराणो में भी कुछ बातो का उल्लेख किया गया है की तुलसी की किसी भी तरह की चीज़ का प्रयोग करने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव नहीं होता और तुलसी की लकड़ी से बने कई हस्तकला के आभूषण पहने से भी नकारात्मक प्रभाव नहीं होता

भूत-प्रेत में विश्वास करने वाले लोगों के लिए यह जानना जरूरी है कि घर में तुलसी का पौधा होने से इस तरह की बाधाएं जीवन में नहीं आएंगी. तुलसी के होने से भूत-प्रेत जैसे नकारात्मक प्रभाव आप पर नहीं पड़ेंगे. हिंदू धर्म में तुसली को पवित्र व धार्मिक पौधा माना जाता है


भगवान कृष्ण के भोग में और सत्यनारायण की कथा के प्रसाद में तुलसी की पत्ती जरूर रखनी चाहिए. ऐसा नहीं करने से प्रसाद पूरा नहीं माना जाता. घर में तुलसी का पौधा होना शुभ होता है. इसके सामने रोज शाम को दीपक जलाने से घर में सुख-समृद्धि‍ आती है.

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तुलसी के सांस्कृतिक महत्व और इसे जुडी कुछ ताथ


तुलसी एक पवित्र पौधा है। तुलसी पवित्रता का प्रतीक है। भारत में लोग तुलसी को धार्मिक पौधे के रूप में उगाते हैं और इसकी पूजा करते हैं।

इसकी पत्तियों का उपयोग मंदिरों में पूजा के उद्देश्य से किया जाता है और शादी जैसे कई अवसरों पर भी किया जाता है।

आंगन में तुलसी के पौधे के बिना एक हिंदू घर अधूरा माना जाता है।


तुलसी का अपना अलग ही इतिहास है ये कहनी जब की है जब हनुमान को श्री राम जी ने हनुमान को भोजन क लिया बोलै तो हुनमान जी सार खाना खा गए और उनका पता नहीं भरा तो माता सीता परेशन हो गई तो वो भगवान राम के पास आया बोला की भोजन सारा खत्म हो गया है और हनुमान जी अभी भूके है तो राम जी ने हुनमान को कुछ तुलसी के पते दिए हनुमना तुलसी के पते खाते ही उनका पता भर गया जिस से ये

पत्‍थरचट्टा से होने वाले अनेक फायदे जिसे से आम लोग अनजान है

पत्‍थरचट्टा एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है, पत्थरचट्टा का वैज्ञानिक नाम ब्रायोफिलम पिनाटा है। आमतौर पर पथरचटा को अन्‍य नामों जैसे कि मिरेकल लीफ, एयर प्‍लांट कैथेड्रल वेल लीफ आफ लाइफ और गोएथे पौधे के रूप मे जाना जाता है। यह एक लोकप्रिय घरेलू पौधा है जो उष्‍णकटिबंधीय क्षेत्रों में प्राकृतिक रूप से होता है। पथरचटा के फायदे बहुत से घरेलू उपचारों के लिए उपयोग किये जाते है। पथरचटा के गुण पथरी हटाने, रक्‍तचाप, सिरदर्द, अस्‍थमा, मूत्ररोग आदि को ठीक करने के लिए जाने जाते है।


पत्‍थरचट्टा के फायदे

1. गुर्दे की पथरी के लिए पत्‍थरचट्टा के फायदे

जिन लोगों को गुर्दे की पथरी की समस्‍या होती है, उनके लिए पत्‍थरचट्टा के फायदे इसलिए हैं क्‍योंकि यह आसानी से पित्‍त पत्‍थर को ठीक कर सकता है। गुर्दे के पत्‍थरों के मामले में पत्‍थरचट्टा के पूरे पौधे को उबालकर 40–50 मिली लीटर काढ़ा तैयार करें जिसे दिन में दो बार सेवन करें। आप 5 ग्राम शिलाजीत के साथ 2 ग्राम पथरचटा के काढ़ें को भी दे सकते हैं आप इसे स्‍वादिष्‍ट बनाने के लिए शहद भी मिला सकते हैं। इस मिश्रण को भी दिन में दो बार तक सेवन करना चाहिए। ऐसा करने से आप पथरी की समस्‍या से छुटकारा पा सकते हैं

2. फोड़ों के इलाज में पत्थरचट्टा के पत्तों के फायदे

पथरचटा के फायदे फोड़ों का उपचार करने के लिए चमत्‍कारिक है। पत्थरचट्टा के पत्तों को तोड़कर इन्‍हें हल्‍का गर्म करने के बाद फोड़े और सूजन वाली जगह पर रखकर बांधलें। यह आपकी सूजन को कम करने के साथ ही फोड़ों का उपचार करने में मदद करता है।

3.पत्थरचट्टा के गुण योनि समस्‍याओं के लिए

महिलाओं को योनि स्राव का अनुभव होता है तो तुरंत राहत पाने के लिए आप पत्थरचट्टा के पत्तों का उपयोग कर सकतीं हैं। इसके लिए आपको पत्थरचट्टा के पत्तों का 40–60 मिली ग्राम काढ़े के साथ 2 ग्राम शहद को मिलाकर सेवन करें। इस से आपको रहत मिलेगी |

4. सिर दर्द के लिए पत्‍थरचट्टा के लाभ

पत्‍थरचट्टा के फायदे उन लोगों के लिए भी होते हैं जो अक्‍सर सिरदर्द की समस्‍याओं से ग्रसित रहते हैं। पथरचटा की पत्तियों से आप अपने सिरदर्द का उपचार कर सकते हैं। इस पौधे की पत्तियों को तोड़ें और उन्‍हें माथे पर चिपकाएं। ऐसा करने से आपको सिरदर्द से छुटकारा पाने में मदद मिलती है।

5. पत्थरचट्टा से घावों को ठीक करे

आपके शरीर के किसी भी अंग में कोई घाव है तो आप पत्‍थरचट्टा का उपयोग करके इन घावों का उपचार कर सकते हैं। आप इसकी पत्तियों को तोड़कर इन्‍हें पीस लें और हल्‍की आंच में गर्म करें। फिर इस मिश्रण को फोड़ों के ऊपर लगाएं। यह जड़ी बूटी घावों को ठीक करने के साथ साथ उनके निशानों को भी दूर करने में आपकी मदद करेगी।

6. पत्‍थरचट्टा का उपयोग खूनी दस्‍त मे

पत्थरचट्टा का पौधा का उपयोग कर आप दस्‍त के सा‍थ आने वाले खून को रोक सकते हैं। यह पत्‍थरचट्टा के फायदों में से एक है। आप पत्थरचट्टा का पौधे की पत्तियों के 3–6 ग्राम जूस के साथ जीरा और घी मिलाकर रोगी को रोजाना दो बार पिलाएं। यह दस्‍त के साथ आने वाले खून को रोकने में मदद करता है।

7. हृदय स्‍वास्‍थ्‍य के लिए पत्‍थरचट्टा का इस्तेमाल


पत्थरचट्टे के फायदे दिल को स्‍वस्‍थ्‍य रखने के लिए भी जाने जाते है। यह आपके शरीर के सबसे महत्‍वपूर्ण अंग दिल को सुरक्षित रखने में मदद करता है।

8. मूत्र संबंधी विकारों के लिए पत्‍थरचट्टा के फायदे

प्‍यास और मूत्र से सं‍बंधित परेशानियों को दूर करने के लिए पथरचटा के पत्‍तों का 5 मिली लीटर रस दें। यह इस समस्‍या का प्रभावी रूप से इलाज करने में मदद करता है। पुरुषों में मूत्र संबंधी विकार के मामले में पत्‍थरचट्टा के 60 ग्राम काढ़ें के साथ 2 ग्राम शहद मिला कर सेवन करना चाहिए। ऐसी स्थिति में इस मिश्रण को दिन में दो बार लेना चाहिए।9. दांत दर्द के लिए उपयोगी है पत्‍थरचट्टा

9. दांत दर्द के लिए उपयोगी है पत्‍थरचट्टा

दांतों के दर्द को ठीक करने के लिए पत्‍थरचट्टा को पारंपरिक दवा के रूप में उपयोग किया जाता है। पत्‍थरचट्टा में एंटी-वायरस और एंटी-बैक्‍टीरिया गुण होते हैं जो आपके दांतों के दर्द को दूर करने में मदद करते हैं।

10. पत्‍थरचट्टा के उपयोग बुखार के लिए

पत्‍थरचट्टा के एंटीप्रियेटिक गुणों के कारण यह बुखार का इलाज करने में मदद करता है। यह वायरस और बैक्‍टीरिया के विरूध शरीर की रक्षा करता है। इन पत्तियों के रस का सेवन करने से बुखार को कम किया जा सकता है।

11. गर्भावस्‍था में पत्‍थरचट्टा के फायदे

पत्‍थरचट्टा के पत्‍ते गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद होते हैं। यह गर्भावस्‍था के समय इन पत्तियों का काढ़ा पीने से यह वजन को बढ़ने से रोकता है और मां और उसक भ्रूण को कोई भी नुकसान नही पहुंचाता है। गर्भावस्‍था के समय महिलाओं द्वारा इन पत्तियों के रस का सेवन करने से नींद संबंधी समस्‍याओं को दूर करने में मदद मिलती है।

12. अस्‍थमा के लिए पत्‍थरचट्टा के फायदे


पत्‍थरचट्टा में एंटी-अस्‍थमा गुण होते हैं। पत्‍थरचट्टा में एंटीमाइक्रोबायल एजेंट होते हैं जो अस्‍थमा के इलाज में मदद करते हैं। यदि आप अस्‍थमा रोग से परेशान हैं तो आप पत्‍थरचट्टा का उपयोग कर सकते हैं, यह आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

13. मधुमेह के लिए पत्थरचट्टा के पत्तों के फायदे

पत्थरचट्टे की पत्तियों का उपयोग कर आप मधुमेह को नियंत्रित कर सकते हैं। मधुमेह रोगी को प्रतिदिन दो बार पत्थरचट्टा के पत्तों के काढ़े का सेवन करना चाहिए। यह आपके शरीर में ब्लड शुगर के स्‍तर को कम करने में मदद करता है।

14. पत्‍थरचट्टा के उपयोग कब्‍ज को दूर करे

कब्‍ज को दूर करने के लिए पत्थरचट्टे के पत्‍तों का उपयोग बहुत ही फायदेमंद होता है। आप इसके लिए पत्थरचट्टे के सूखे पत्‍तों की चाय का सेवन कर सकते हैं। यह आपको कब्‍ज से छुटकारा दिलाने में मदद करेगा।

केले खाने से हैरान कर देने वाले फायदे

केले अविश्वसनीय रूप से बहुमुखी फल हैं जो चलते-फिरते खा सकते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, यह समझा सकता है कि केला दुनिया के सबसे लोकप्रिय फलों में से एक हैं


केले खाने से अद्भुत स्वास्थ्य लाभ होते है

1. केले उच्च रक्तचाप को कम करते हैं।

एक दिन में तीन केले खाने से आपका रक्तचाप कम हो सकता है। एक मध्यम आकार के केले में लगभग 422 मिलीग्राम पोटेशियम होता है और यह इसमें उच्च पोटेशियम-से-सोडियम अनुपात आहार में सोडियम के ब्लड प्रेशर बढ़ते प्रभाव को कम करने में मदद करता है।

2. केला पाचन में सुधार करता है

केले फाइबर से भरे हुए हैं, दोनों घुलनशील और अघुलनशील। फाइबर शरीर का एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है क्योंकि यह पाचन की गति को नियंत्रित करने में मदद करता है, जिससे यह धीमा हो जाता है। केला खाने से आप लंबे समय तक भरा हुआ महसूस करेंगे और कब्ज की समस्या से भी निजात पा सकते हैं।

कोई आश्चर्य नहीं कि केले अक्सर नाश्ते के भोजन में शामिल होते हैं। वे आपके दिन को ऊर्जावान बनाने में आपकी मदद करते हैं और आपको लंबे समय तक संतुष्ट रखते हैं।

3. केला हृदय स्वास्थ्य में सुधार करता है

केले फाइबर से भरे होते हैं। एक उच्च फाइबर आहार को हृदय रोग और कोरोनरी हृदय रोग दोनों को कम जोखिमो के साथ जोड़ा गया है।

यह मार्गदर्शिका आपकी सीमाओं को तोड़ने में मदद करेगी और आपके जीवन को जीने के लिए आपके पास मौजूद किसी भी चुनौती को पार कर सकती है।एक स्वस्थ, संतुलित आहार आपके शरीर को आवश्यक विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट प्रदान करेगा|

4. केले स्वस्थ कोशिकाओं को बनाने में मदद करते हैं।

केले विटामिन बी 6 से भरपूर होते हैं, जिसमें वयस्क सेवन के लिए आवश्यक दैनिक मात्रा का 20 प्रतिशत होता है। विटामिन बी 6 स्वस्थ कोशिकाओं को बनाने के लिए आवश्यक इंसुलिन, हीमोग्लोबिन और गैर-अमीनो एसिड का उत्पादन करने में शरीर की मदद करता है। यह संक्रमण से लड़ने वाले एंटीबॉडी के उत्पादन में भी मदद करता है।

5. केले जीआई पथ हीथ में सुधार करते हैं।

केले पचाने में अपेक्षाकृत आसान होते हैं, इसलिए उन्हें मानव जठरांत्र संबंधी मार्ग या जीआई पथ के लिए गैर-परेशान माना जाता है। वास्तव में, केले न केवल पाचन तनाव को कम करते हैं, बल्कि पाचन तंत्र को भी शांत करते हैं और दस्त के बाद खोए हुए खनिजों को बहाल करने में मदद करते हैं।

केला, चावल, सेब और सूखी टोस्ट — जो कि आहार विशेषज्ञ तीव्र दस्त के इलाज के लिए उपयोग करते हैं।

6. केले विटामिन सी से भरपूर होते हैं।

जब आप विटामिन सी के बारे में सोचते हैं, तो संतरे और स्ट्रॉबेरी मन में आने वाले पहले फल हो सकते हैं। लेकिन केले की एक पूर्ण सेवा इस आवश्यक पोषक तत्व के लिए दैनिक आवश्यकता का 15 प्रतिशत प्रदान करती है। विटामिन सी एक महत्वपूर्ण एंटीऑक्सिडेंट है जो शरीर में हानिकारक मुक्त कणों को बेअसर करता है। जो आपके शरीर में कोशिकाओं को लगातार नष्ट कर रहे हैं। विटामिन सी रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ रखने में मदद करता है और जो मांसपेशियों, हड्डियों और अन्य ऊतकों को एक साथ रखता है।

7. केला एथलेटिक प्रदर्शन में सुधार करता है


कभी सोचा है कि कई एथलीट केले को क्यों पसंद करते हैं, तो इसका कारण है: केले मांसपेशियों को बढ़ावा देते हैं और एंटीऑक्सिडेंट और अन्य पोषक तत्व स्वाभाविक रूप से प्रदान करते हैं। एपलाचियन स्टेट यूनिवर्सिटी की ह्यूमन परफॉर्मेंस लैब के एक अध्ययन के अनुसार, साइकलिंग टाइम ट्रायल टेस्ट के दौरान हर 15 मिनट में आधे का सेवन करना उतना ही प्रभावी था जितना कि हर 15 मिनट में एक कार्बोहाइड्रेट से मेल खाने वाला स्पोर्ट्स ड्रिंक पीना।


8. केला एनीमिया से लड़ता है

इसके अलावा, केले में मौजूद विटामिन बी 6 रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है, जो एनीमिया से पीड़ित लोगों की मदद कर सकता है।

केले में आयरन की मात्रा अधिक होती है, इसलिए इनका सेवन रक्त में हीमोग्लोबिन के उत्पादन को प्रोत्साहित कर सकता है और एनीमिया से लड़ने में मदद करता है। एनीमिया एक ऐसी स्थिति है जहां रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं या हीमोग्लोबिन की संख्या में कमी होती है

9. केले भूख के दर्द को दबा देते हैं।

केला खाने से आप लंबे समय तक भरा महसूस करते हैं, बल्कि उनकी सुखद गंध के कारण भी। यह सही है, केले की गंध स्पष्ट रूप से भूख और भूख के दर्द को दबा सकती है!

तो, हाँ, वजन कम करने में आपकी मदद कर सकते हैं।

10. केले आपको खुशी महसूस करने में मदद करते हैं।

एक केला में लगभग 27 मिलीग्राम मैग्नीशियम प्रदान करता है। यह खनिज आपके मूड को बढ़ावा देने और अच्छी नींद की सहायता कर सकता है। पुरुषों और महिलाओं को क्रमशः प्रति दिन 420 मिलीग्राम और 320 मिलीग्राम मैग्नीशियम की आवश्यकता होती है।

शहद के औषधिक फायदे


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शहद एक ऐसा प्राकृतिक तत्व है जिसमे हमारी सभी जरुरी पोषक तत्व पाए जाते है इसमें फ्रूट ग्लूकोज ,आयरन सोडियम,क्लोरीन पोटैशियम ,विटामिन ,एंजाइम्स ,मिनिरल्स और पानी भी पाया जाता है अगर शहद को नियमित रूप से खाया जाये तो कई फायदे है |


1. स्वस्थ त्वचा

शहद अच्छा ऐंटीऔक्सीडेंट होता है जो त्वचा को साफ करता है और शहद एंटी बैक्टीरियल भी होता है जोकि त्वचा को बैक्टीरिया से होने वाले बीमारियों से बचता है और एक चम्मच शहद चेहरे पर लगाए और फर्क देखे |

2. स्वस्थ हृदय

शहद में एंटी ओक्सिडेंट होता है जो हमारी धमनियों को जाम होने से बचाता है एक गिलास पानी में 2 चम्मच शहद मिला के पीने से दिल की इस बीमारी से बचा जा सकता है |

3. मजबूत याददाश्त

रात को सोने से पहले 2 चमच्च शहद खाने से तनाव दूर होता है और याददाश्त मजबूत होती है |

4. गहरी नींद

शहद खाने से शरीर में इन्सुलिन की मात्रा बढ़ती है और इन्सुलिन सेराटोनिन बनता है सेराटोनिन से मेलाटोनिन बनता है जोकि अच्छी नींद के लये जरुरी होता है |

5. ऊर्जा बढ़ाना

शहद में मौजूद फ्रूट ग्लूकोज को शरीर तुरंत अवशोषित कर लेता है जिससे दिनभर शरीर में ऊर्जा बानी रहती है |

6. खांसी से रहत

शहद खांसी से रहत पहुँचाता है और शहद इन्फैक्सन से भी बचता है

7. इम्युनिटी सिस्टम को बढ़ाना

शहद में एंटी बैक्टीरियल गुण होता है जो की शरीर को रोगो से बचाता है

करेले का जूस पीने से जड़ से खत्म हो जाते हैं ये रोग |

करेले का जूस || करेला एक उष्णकटिबंधीय बेल है जो लौकी परिवार से संबंधित है और यह कद्दू और ककड़ी के करीबी परिवार से संबंधित है इसकी खाद्य फल के लिए दुनिया भर में इसकी खेती की जाती है | करेले का जूस



1. करेले का जूस स्वाद में कड़वा होता है मगर इसके उतने ही फायदे है |


कैलोरी: 20

फाइबर: 2 ग्राम

विटामिन सी: 93%

विटामिन ए: 44%

फोलेट: 17%

पोटेशियम: 8%

जिंक: 5%

लोहा: 4%

करेला विटामिन सी में विशेष रूप से समृद्ध है, एक महत्वपूर्ण माइक्रोन्यूट्रीएंट है जो रोग की रोकथाम, हड्डी के गठन और घाव भरने मदद करता है और इस में विटामिन ए में भी उच्च मात्रा में है,जो त्वचा को स्वास्थ्य और ये आँखों की रोशनी को भी तेज करता है |

करेला फोलेट प्रदान करता है, जो विकास और विकास के लिए आवश्यक है, साथ ही ये पोटेशियम, ज़िंक और आयरन की मात्रा भी होती है

करेला गैलिक एसिड और क्लोरोजेनिक एसिड, का एक अच्छा स्रोत है — शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट यौगिक जो आपकी कोशिकाओं को नुकसान से बचाने में मदद करता है |

2. ब्लड शुगर को कम करने में मदद करता है करेले का जूस |

करेले में गुणकारी औषधीय गुण होते है करेला लंबे समय से दुनिया भर में मधुमेह जैसे गंभीर रोग के इलाज में उपयोग किया जाता है।

डायबिटीज वाले 24 वयस्कों में 3 महीने के अध्ययन से पता चला है कि रोजाना 2,000 मिलीग्रामकार्ला का जूस लेने से ब्लड शुगर और हीमोग्लोबिन A1c में कमी आई है |

मधुमेह वाले 40 लोगों में एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि 7 सप्ताह तक करेले का जूस के प्रति दिन 2,000 मिलीग्राम लेने से ब्लड शुग के स्तर में कमी आई।

3. कैंसर से लड़ने के गुण होते है करेले का जूस |

शोध बताते हैं कि करेले में कैंसर से लड़ने वाले गुण पाए जाते है |

एक अध्ययन से पता चला कि करेले का जूस पेट, कोलन, फेफड़े और नासोफरीनक्स के कैंसर कोशिकाओं को मारने में प्रभावी था |

एक और अध्ययन में इसी तरह के निष्कर्ष थे, जिसमें बताया गया कि करेले का रस कैंसर कोशिका मृत्यु को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्तन कैंसर कोशिकाओं के विकास और प्रसार को रोकने में सक्षम था।

4. कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है करेले का जूस |

कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर आपकी धमनियों में फैटी पट्टिका का निर्माण करता है, जिससे आपका हृदय रक्त पंप करने के लिए कठिन परिश्रम करता है और आपके हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।करेला कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने के लिए और हृदय को स्वास्थ्य रखने में मदद करता है |

एक अध्ययन में कहा गया है कि चूहों को करेले का जूस देने से एक प्लेसबो की तुलना में कोलेस्ट्रॉल का स्तर काफी कम हो जाता है।

5. वजन घटाने में मदद करता है

करेला एक वजन घटाने के लिया एक अच्छा विकल्प इसे हमे अपने आहार में शामिल करना चहिय क्योंकि यह कैलोरी में कम है और फाइबर में उच्च है। फाइबर आपके पाचन तंत्र से बहुत धीरे-धीरे गुजरता है, जो आपको अधिक समय तक पूर्ण रखने में मदद करता है और भूख और भूख को कम करता है

करेले के जूस साथ उच्च कैलोरी सामग्री की अदला-बदली आपके फाइबर सेवन को बढ़ाने में मदद करती है और वजन घटाने के लिए कैलोरी में कटौती कर सकती है।

करेले में वसा होता है जो हमारे मोटापे और वजन घटाने में अधिक प्रभावकारी होता है

एक अध्ययन में पता चला है कि प्रत्येक दिन 4.8 ग्राम करेले वाले कैप्सूल का सेवन करने से पेट की चर्बी में कमी आती है।

सारांश

फाइबर, विटामिन सी, फोलेट और विटामिन ए जैसे पोषक तत्वों का एक अच्छा स्रोत है करेला |

करेला को लंबी अवधि के ब्लड शुग नियंत्रण के कई मार्करों में सुधार करने के लिए दिखाया गया है, जिसमें फ्रुक्टोसामाइन और हीमोग्लोबिन ए 1 सी के स्तर शामिल हैं।अभी भी अधिक उच्च गुणवत्ता वाले शोध की आवश्यकता है |

करेले में कैंसर से लड़ने वाले गुण होते हैं और यह पेट, कोलन, फेफड़े, नासोफरीनक्स और स्तन कैंसर की कोशिकाओं के खिलाफ भी प्रभावी होता है |

करेले का जूस कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर सकता है, जो हृदय को स्वास्थ्य रखने में मदद करता बहरहाल, इन प्रभावों की पुष्टि करने के लिए मानव अनुसंधान की अभी काफी कमी है।

करेले का रस कैलोरी में कम लेकिन फाइबर में उच्च हैं। मानव और जानवरों के अध्ययन में पाया गया है कि करेले का जूस भी पेट की चर्बी और शरीर के वजन को कम करने में मदद कर सकता है।